मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नहीं मुश्किलों से ये हुनर आता कहीं मुद्दत में है, काम आसां यार ये हरगिज़ ग़ज़लकारी नह...
देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके झूर-झूर मनुहार देह है चरखा भाव की पूणी गड्डमड्ड लोक-व्यवहार, नेह बावरा पल-पल ताके ...
यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।। यदि सेहत,उपलब्धि की,चाहत है भरपूर। तो फिर स्वाद, विवाद से ,रहना होगा दूर।।
वो भी कुछ कम नहीं था ना। वो भी कुछ कम नहीं था ना।
बुलंदियों को छूकर आसमाँ की उड़ा भर पाते हैं। बुलंदियों को छूकर आसमाँ की उड़ा भर पाते हैं।
पर कभी हार नहीं मानेगें ये तो तय है। पर कभी हार नहीं मानेगें ये तो तय है।